यूँ ही साथ साथ घूमते है हम दोनों रात भर,
लोग मुझे आवारा और उसे चाँद कहते हैं!!
Tuesday, 25 February 2014
Saturday, 8 February 2014
propse day....
आज प्रपोज़ डे है मतलब कि था तो हम सोच रहे हैं कि हम भी अपने फेल हुए प्रपोज की कहानी लिख ही डालें ।
हुआ यूँ कि हमें जोर से इश्क हो रखा था और हम खुद को शाहरुख़ खान से कत्तई कम नहीं समझते थे।।।।
जो थोड़ी बहुत कमी थी वो हमारे दोस्तों ने पूरी कर दी थी। कहते थे कमीने कि "अबे यार तुमको ही देख रही थी वो साले। बेटा कुछ करो नहीं तो देवदास के शाहरुख़ खान बन क रह जाओगे.....केवल पारो ...पारो करते रहोगे....। हम भी साला जोश में आ जाते थे उनको देखकर....उसको देखते ही बैक ग्राउंड में साला वायलिन और गिटार के साथ गाना बजने लगता था...... तुझे देखा तो ये जाना सनम प्यार होता है दीवाना सनम.
...और हम खुद को शाहरुख़ और उसको काजोल समझकर ट्युशन के बाद उनके पीछे पीछे उनकी गली तक चले जाते थे...और जब वो बड़ी बड़ी आँखों से हमें देखकर घर में चली जाती थी तो लगता था की इश्क वाला लव हो गया है(हालाँकि तब ये गाना नहीं बना था) और हम उसके बाद खुसी में गुनगुनाते हुए अपनी रफ़ कॉपी को हवा में उछालते घर की ओर ऐसे आते जैसे की आशिकी 2 का तुम ही हो वाला गाना उनके साथ गा कर लौट रहे हों।